वो लड़कीं अब किसी और के लिए सोच रही है। दे कर मुझे धोखा स्वयं की बर्बादी चुन रही है।। love at maharanicollege
यही है मेरी उस की कहानी ।
धधक के हो चुकी है आग,पानी।।
अधर में मेरे सारे सपने जा चुके है।
नेत्रों की ज्योति धुंधली होने लगीं है।।
पर संग विवाह का निमंत्रण पत्र कैसा होगा।
यह विचार उसके मन मे नित पनपने लगा है।।
बचे बाजे सगाई के दृश्य वो देखने लगी है ।
उस के मन मे पराये पुरष की छवि बसने लगी है। ।
पता चला है उस की सखियो से,सोशल मीडिया पर भी उस ने डाला है।
"जिस घर के आगे कार खड़ी है वो ही अब मेरे होने वाले का है"।।
कोई कर्मचारी या व्यवसायी है उस के पिता ने किसी से ऐसा कहा है ।
जो मुझसे सामर्थ्य में है 10 गुना,ऐसा कह कर उसकी छवि गढ़ी जा रही है।।
बड़ी कोठी है,नोकर चाकर भी है।
बड़े लोगो का रिश्तेदार भी उसको बताया जा रहा है।।
मेरी छोटी सी दुनिया मे वो रहती तो मेरे जैसे ही दुख सहती ।
मेरी जो हर चीज उस के बराबर नही होती ।।
मैं देता भी क्या उसको एक छोटा सा दिल।
जो बिछाता वो उस के कोमल पैरों के लिये मखमल।
उस के सामने मेरे दिल का टुकड़ा रह जाता बहुत छोटा सा।।
अब दिल विल की रिहाई हो चुकी है।
वो लड़कीं अब मेरे से पराई हो चुकी है।।
एक समय था जब वो सिर्फ मुझे ही सोचती और प्यार करती थी।
प्यार था उस को सिर्फ मुझ से ही इसलिय मुझसे नित दिन लड़ाई भी खूब करती थी।।
वह दिन में सेकड़ो बार मुझे whts aap पर देखती ।
सेकड़ो बार सुबह शाम मेसेज भी लिखती।।
कोई धुन गुन गुना के झूम भी लेती ।
वो नये कपड़े पहन कर फ़ोटो भी भेज देती।।
भोजन करने से पहले वो शाम को मुझे भोजन के लिये बोलती।
शाम को सोने से पहले, प्रातः उठते ही आई लव यू भी बोलती ।।
मगर अब, इस में तो कोई भ्रम नही।
उस से प्यार करना मेरे जैसे निर्धन का अधिकार नही।।
अपनी अंगुली मेरे हाथ से छुड़ाकर ।
झट से पहन ली उस ने किसी और के संग हीरे की अंगुठी।।
हथेली वो किसी और से जा जुड़ी है।
अब किसी दूसरे की मेहंदी बड़ी गहरी रचाने वाली है।।
मेरा उस से अब बडा लंबा वियोग हो चूका है ।
उस लड़कीं का अब किसी और से प्रेम का रोग हो चुका है ।।
सवाल एक छोटा सा रह गया है ।
जिस के लिये जिंदगी नष्ट की है।।
भुलाऊँ कैसे भला उसके दोनो काजल भरे नयनो को।जिनके लिए काजल मैं ला कर देता था।
जिनको मैने मन मस्तिष्क में हमेशा के लिये बसा रखा है।।
मैं कैसे उसे भुला दु जो मेरी नस नस में है।
जिस के साथ मैंने हर सपने उसी ने दिखाए है।।
उस के लिए सारी दुनिया ही अपनी हो गई है,मुझे छोड़कर।
मेरे लिए केवल वही दुनिया है अब भी, सारी दुनिया को छोड़कर।।
एक दिन प्रातः उठकर फोन पर मुझ से बोली थी, कि शुभ समाचार है
पापा से चौक में किसी से कहते एक बात मैंने सुनी है।
"आज की लड़कीया नोकरी लग जाती है तो वर स्वयं चुन लेती है"।।
यह सुनकर मैंने ही उसको अपने सच्चे " प्यार की सौगंध दिलाई थी शिक्षक भर्ती में चयन की"
उस ने भी सीने पर हाथ रख कर विश्वास दिलाया था, नोकरी लग कर पुनः विवाह हम कर लेंगे ।।
नोकरी का सपना हुआ साकार , उस की मेहनत थी भगवान से नित वंदना मैंने भी की थी।
नोकरी जॉइन करते ही लगे उस को ऐसे पंख।
मेरा प्यार में समझाना नित अखरने लगा उसको,
अब तो मुझे शकी और साइको भी कहने बताने लगी है।
छोड़कर मेरी बाहे दुनिया की बाहों में समाने की चाह उसको लगी है ।
जो कहती थी मुझे कोई वार करेगा मेरे सीने पर तो पहले सिने के आगे मैं खड़ी मिलूंगी।
आज वही सिने में कीले टोखकर, गुंडो पुलिस से मरवाने की धमकी भी दिलानें लगी।।
मेरा कोई समझाता उसे,तो मुझ पर ही झुटे या गलत फहमी का शिकार हो कर आरोप लगाने लगी है।
जो निराधार है आरोप वही लगाते तो ,मुझे गुंडो ,चोर, शराबी ,पीटने वाला कहते तो शायद अपनी मंशा में सफल हो भी जाते।
अपने लोगो को वही बताती जो आप बताना है कुछ तो अच्छा मेरे प्रेम में भी होगा उसे क्यों नही बताती हो,
या तो सच मे गलत फहमी है उसको या अलग करने के लिए है रचा है किसी ने गहरा षड्यंत्र है ।।
मुझे धोखा दे कर उस बाप को भी क्यो पाप का हकदार बनाते हो।
उन पर क्यो धोखेवाज के पापा का दाग लगाना चाहते हो।।
एक को धोखा दे कर फिर दूसरे ,उस के पूरे संबंधियों के साथ सम्मान कभी नही पाओगे।
बर्बादी के बाद तल्खियों की धूल में चैन कहा पाओगे।
जब खुद ने लगाई हो आग अपने जिंदगी के फूल में,आगे खुशी कैसे पाओगे।।
जिस 90 साल के अंकल ने हम को बर्षो तक दिया था अपना घर रुकने को।
उस अंकल को हमारे कारण गली,पड़ोसियों और बेटी से मिले तानो के दर्द व अपमान का हिसाब कैसे चुकाओगे।।
बाहर से तो दूर जाने का प्रयास करता हु।।
मैं क्या करूँ की अंदर से जाती नही हो।।
नित धोता समझाता हूं मेरे तन मन को जिनको केवल तुमने छुआ है ,क्या करूँ मैं तेरी सुगंध मुझ से जाती नही है ।।
प्रेम में जो फेरे अग्नि संग,माँग में सिंदूर,मंगल सूत्र और करवा चौथ का व्रत लिया था
उन सब को उसी हिन्दू रीति से पुनः किसी से विवाह कर के भगवान और हर संबंधियों से कितना छिपाओगी, कितना बताओगी,,
स्वयं को ही स्वयं की नजरों से और कितना गिराओगी।।
गलत फहमी या षडयंत्र का शिकार मत बनो,प्यार में धोखा देने वाली धोखेबाज मत बनो,।
क्या जबाब दोगे अपने होने वाले बच्चो को और अपने वाली दुख भरी वृद्धावस्था को।।
अपने अच्छे बुरे पाप धोखे का हिसाब यही होना है ।।
पर संग व्याव कर के बच्चे पैदा करोगे।
उन बच्चो से भी अपने विवाह के फ़ोटो दिखा कर न्याय मांगूगा।
बदनाम करना मकसद नही है मेरा, लेकिन।
सच्चा प्यार किया है तो हर प्रयास अंतिम श्वास तक करूंगा।
एक गलती आप से भी हुई है।
आपको भी प्रेम एक अय्याश से नही ,एक पत्नी एक जीवन को मानने वाले से हूआ है।
लोगो ने मुझ को भी यह कह कर डराया समझाया है, "भूल जा उस लड़की को नही तो तेरी तेजी से बढ़ रही प्रसिद्ध सम्मान सब धूल में मिल जायेगा।
कैसे भूल जाऊ उसको मेरा सम्मान और हीरा तो वही था,अब क्या बचा है जो मुझे खोना है।
उन को भी मेरा यही तो कहना है,जब में किसी से 9 साल पत्नी के रूप प्यार कर के छोड़ कर दूसरे से विवाह करता तो उस मे होता मेरा अपमान।
मैंने तो जिस से प्यार किया है उस के प्रति ईमानदार हु।फिर क्यो समाज करेगा मेरा अपमान ।।
मुझे पता है झूट के आगे
आप झुकते नही कभी।
मैंने भी कभी आप को यही कहा था जहां गलत में रहू वहां भी आप झुकना नही ।।
मेरी हर गलती में स्वीकार करता हु ,तेरी कोई गलती मुझे कभी कहनी नही। फिर अब मुझ से ये दूरी सही नही।
आप भी कुछ गलतफहमी और षड्यंत्र का शिकार मत बनो।
जिस जिद पर आप आ पड़े हो
हुम् दोनो के साथ अन्ययो को भी बर्बाद मत करो।।
मुझे अपने संग घर बसाने का सपना दिखाकर पर संग घर बसाने चले हो।
जिस ने आप के कहने पर छोड़ दिया था अपना घर जमीन जायदाद आज उसे आज अकेले ही छोड़ चले हो।।
सच्चा प्रेम किया है तो अपने प्रेम के लिए लड़ूंगा भी अंतिम सांस तक,अपनी दास्तान भी बताऊंगा ,तेरे मेरे अपनो से लेकर भगवान तक भी जाऊंगा ।।
माँ पार्वती और भोलेनाथ के प्रेम प्रलय का आदर्श तो तुम ही मुझे बताती थी।
अगर मेरा प्रेम मुझ से छीन गया तो तो ज्वालामुखी होगा क्रोध मेरा। मरघटो के देवता शिव का भक्त हु मैं, फिर देखेगे सब प्रतिशोध मेरा मेरी पार्वती के लिये।।
जिस काम को कर के शर्म आ जाये ऐसा काम तुम क्यो करते हो।
प्रसिद्धि तो है सही लेकिन प्रसिद्वि के लिए तुम क्यो गिरना चाहते हो।।
अपनो को नीचा दिखा कर जिद,अहंकार,पैसा ,पद पाना कहा उचित है ।
इतने घमंड में क्यो जीते हो। इस से थोड़ा इतर भी तो सोचो।।
जो तोले दिल के रिश्तों को तराजू में वो तराजू क्या।
जब प्यार था, तो तू क्या मैं क्या, वो संबंध क्या ।।
वो प्रेम जो मैंने तुम से किया क्या कभी उसे भूल पाती हो ?
जब मुझे पढ़ती हो फेसबुक पर अपने मन को क्या बताती हो । ?
तू छोड़ रही है मुझे तो इस मे तेरी क्या कमी।
हर व्यक्ति मेरा साथ निभा भी नही सकता । ।
हर फैसला होता नही सिक्का उछाल के ।
यह दिल का मामला है जरा सम्भाल के।।
कही ऐसा नही हों जाये
जिस से दूर होने चले हो वो एक दिन तारो पर खड़ा हो।
जो दिन रात सोचता है तुम्हे, वो तेरी सोच से ज्यादा बड़ा हो।।
मत सोचो अब और, समय ,परिस्थिति किसी से क्यो डरते हो।
अगुलियों पर है फोन क्यो नही कॉल ,मेसेज करते हो ।।
मैं तुरन्त चला आऊंगा बुला के तो देखो..........
# सदैव तुम्हारा #शुभप्यार #शुभविचार
#एकजीवन, #एकपत्नी ,#एकविचार "शुभविचार" (आप की भावनाओं का दर्पण)
#शुभविचारजयपुर , #शुभविचारभारत, #शुभविचारविश्व।
यह रचना उन कथित आधुनिक लड़के लड़कियों के लिए है जो प्यार में धोखा देते है जिनके लिए प्यार अय्याशी,उन्नति का पायदान,उपयोग करो छोड़ दो,एक से काम निकाला दूसरे को पकड़ो, जीवन का घटनाक्रम, जो मन भरते ही कह उठते है मुझे इस के विचार या शोच या चेहरा या परिवार पंसद नही है। यह मुझे बड़ा कार या घर नही दे सकता,यह मुझे कपड़ो के लिए, घूमने के लिए, दुसरो से मिलने से,बोलने से,डिस्को के लिए, शराब के लिए रोकता है यह मेरी आजादी को छीन रहा है जीवन को जहर बना रहा है ।
शायद किसी के सच्चे प्यार के दर्द को समझ कर,इस रचना को पढ़कर जो धोखा दे रहे है उन की आत्मा जाग जाये ?, पुनः वो अपने सच से मिल जाये पाप से बच जाये क्योंकि सत्य यह भी है हम किसी दुशरे के लिए किसी को धोखा दे रहे है तो निश्चित ही आप अगले कदम पर उसी व्यक्ति से धोखा आप भी खायेगे , विज्ञान का भी नियम है "थीसिस एन्टी थीसिस"जो आप दूसरों के साथ करते है वैसा एक दिन आप के साथ भी होता है। आध्यात्म भी कहता है जिस के साथ धोखा होता है उस की आत्मा रोती है,उस की रोती हुई आत्मा धोखे वाज को श्राप देती है तब भगवान भी उस की आवाज सुनकर धोखा देने वाले को उसी तरह की सजा इसी जन्म में देता है।
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